छत्तीसगढ़

अंबिकापुर: बारातियों का अजब गजब स्वागत: यहां कीचड़ से सने दुल्हन के भाई करते हैं बारातियों का स्वागत…

अंबिकापुर. बारातियों के स्वागत की जब बात आती है, तो एक पुराना टेलीविजन का विज्ञापन याद आता है, जिसमें महान कलाकार शम्मी कपूर कहते हैं कि बारातियों का स्वागत पान पराग से होना चाहिए. वैसे, यह तो विज्ञापन की बात है, लेकिन वास्तव में आपने जो स्वागत देखा है, उसमें वधु पक्ष के बच्चों और बड़ों को फूल-माला और बाजे-गाजे के साथ स्वागत करते देखा होगा. जो किस्सा हम बता रहे हैं, वह थोड़ा जुदा है. यहां बारातियों का स्वागत कीचड़ से सने दुल्हन के भाई करते हैं. दरअसल, मशहूर हिल स्टेशन मैनपाट में रहने वाले माझी समुदाय के भैसा गोत्र के परिवारों में यह परंपरा की वीडियो है. नाम के अनुरूप भैसा गोत्र के लोग बारात आने से पहले कीचड़ में लोटते हैं. एक-दूसरे से लड़ते हैं, जब थक जाते हैं तो उन्हें नमक चटाया जाता है. उसी तरह जैसे भैसा को चटाया जाता है. फिर जो जीतता है, वह सबसे पहले बारातियों का स्वागत करने जाता है.

बारातियों के स्वागत की बरसों पुरानी परंपरा

माझी समुदाय के भैसा गोत्र के लोगों में बरसों से यह परंपरा चली आ रही है. प्रकृति के बेहद करीब अपना जीवन बसर करने वाले ये परिवार आज भी यह परंपरा निभा रहे हैं. यहां जिस लड़की की शादी होती है, उसके भाई भैसा बनते हैं. पूंछ लगाते हैं. इसके बाद कीचड़ में लोटते हैं. कीचड़ में पूरी तरह लोट पोट होने के बाद इनके बीच प्रतिस्पर्धा होती है. इसमें जीतना होता है. भैंसों के बीच जिस तरह शक्ति प्रदर्शन होता है, उसी तरह वे लड़ते-भिड़ते हैं. जो जीतता है, उसके साथ सभी भाई बाजे-गाजे के साथ बारातियों का स्वागत करते हैं. इस दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाय जाते हैं. भैंसा बने इन भाइयों के बीच चल रहे खेल को विवाह समारोह में जुटे परिवार के सभी लोग पूरे उत्साह से देखते हैं. साथ ही, गांव के लोग भी पूरे आनंद के साथ इसे देखने के लिए जमा होते हैं.

The Alarm 24
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