बालोद: दुल्हनिया को बैलगाड़ी में बिठाकर लाया दूल्हा:घरवालों ने अनोखे तरीके से किया स्वागत, बोले-प्राचीन परंपरा दिखनी चाहिए; देखने उमड़ी भीड़
बालोद जिले में एक दूल्हा अपनी दुल्हनिया को बैलगाड़ी में बिठाकर घर लेकर आया। यहां आने पर घर के लोगों ने दोनों का अनोखे तरीके से स्वागत किया। इसके बाद गांव में भ्रमण कराया गया। फिर दोनों घर पहुंचे। ये देखने आस-पास के लोगों की भीड़ जुट गई। अब लोग दूल्हे के इस पहल की तारीफ भी कर रहे हैं।
पाकुरभाट गांव में रहने वाले धनुष यादव के बेटे किशन यादव की शादी बेल्हारी में रहने वाली दुर्गा यादव के साथ हुई है। बारात शनिवार को बेल्हराी गांव गई थी। इसके बाद विदाई रविवार सुबह हुई है। किशन भी अपने पिता की तरह खेती किसानी का काम करता है।बताया गया कि किशन जैसे ही अपनी दुल्हनिया को लेकर गांव पहुंचा। वहां गांव में पहले से ही घर के लोग पहुंच गए थे। इसके बाद दोनों को बैलगाड़ी में बिठाया। दोनों की आरती उतारी गई। फिर दोनों बैलगाड़ी से ही घर के लिए निकले। इस दौरान इन्हें देखने गांव के लोग भी पहुंच गए। बैंड-बाजे में लोग डांस करते भी नजर आए।
दूल्हे के पिता धनुष यादव ने बताया कि प्राचीन परंपरा की झलक दिखनी चाहिए। हमारे बाप दादा हम स्वयं बैलगाड़ी में बारात गए थे, और आज की युवा पीढ़ी इन सब बातों को भूल गई है। हमने छोटा सा प्रयास किया है। और काफी अच्छा लगा कि लोगों ने इसकी तारीफ की है। आगे भी हम इस तरह से प्रयास करते रहंगे।
2 महीने पहले छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक अनोखी शादी देखने को मिली थी। यहां एक दूल्हा बैलगाड़ी में सवार होकर अपनी दुल्हनिया लेने पहुंचा। उसकी बारात बैलगाड़ी में निकली। बाराती किसान के गेटअप में नजर आए। इस दौरान जिन लोगों ने भी इस अनोखी बारात को देखा वो हैरान रह गया। बारातियों ने इस अनोखी बारात में जमकर डांस किया।
दरअसल, रायपुर के लोधीपारा इलाके में रहने वाले अनुराग साहू की बारात महासमुंद आई थी। अनुराग ठेकेदारी का काम करते हैं। उनके पिता बेमेतरा के नवागढ़ में खेती किसानी का काम करते हैं। अनुराग की शादी महासमुंद की रहने वाली भाविका साहू से कुछ समय पहले ही तय हुई थी। इसके बाद 29 नवंबर को शादी थी।
राजधानी रायपुर से अनुराग की बारात दोपहर 4 बजे के आस-पास महासमुंद के एक पैलेस में पहुंच गई थी। यहां लड़की वालों ने बारातियों को पहले स्वागत किया। फिर बारात जनमासा स्थल से जब निकली, तब देखने वाले भी हैरान रह गए। रोड में दूल्हा कार या घोड़े पर नहीं, बल्कि बैलगाड़ी में बैठा हुआ था। अगल-बगल बैंड और डीजे बज रहा था।
जिन्हें नहीं बुलाया, वह भी आ गए
आम तौर पर शादी में लोग शूट, कुर्ते पैजामे या जींस-शर्ट में नजर आते हैं। मगर इस बारात में कुछ लोग किसान बनकर ही पहुंचे थे। इन बारातियों ने सिर में पगड़ी, गले में गमछा और धोती पहन रखी था। मकसद था ये पूरे तरह किसान लगें। बारातियों को मानना था कि शादी में हमारी छत्तीसगढ़ी परंपरा दिखे और हम लोग खेती किसान से जुड़े हैं, वह भी दिखना चाहिए। कुछ लोग तो दूल्हे के साथ सेल्फी लेने ही पहुंच गए, जिन्हें नहीं भी बुलाया गया था वह भी दूल्हे के साथ सेल्फी लेते नजर आए।