छत्तीसगढ़

धान खरीदी में सूखत पर कार्रवाई का मामला : 46 समिति प्रभारियों ने लगाई याचिका, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब, तीन हफ्ते की दी मोहलत

बिलासपुर. धान खरीदी केंद्रों में सूखत को लेकर राज्य शासन द्वारा समितियों पर कार्रवाई की जाती है. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है. कोर्ट ने राज्य शासन को तीन सप्ताह की मोहलत दी है. तब तक सूखत के नाम पर समितियों पर किसी तरह की कार्रवाई पर रोक रहेगी.

दरअसल, प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद समितियों से तय समय पर धान संग्रहण केंद्र ना पहुंचने पर सूखत के बाद राज्य शासन समितियों पर कार्रवाई करती है. इसे लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 46 समिति प्रभारियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिसमें कहा गया है कि मार्कफेड द्वारा तय समय पर धान का उठाव व ट्रांसपोर्टिंग नहीं कराया जाता. इसके चलते धान में सूखत की वजह से वजन घट जाता है. इसकी रिकवरी समितियों से की जाती है. मार्कफेड अफसरों की लापरवाही का खामियाजा समिति क्यों भुगते.

जस्टिस एनके चंद्रवंशी की कोर्ट में सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य शासन व मार्कफेड के अफसरों से पूछा कि सूखत का क्या मापदंड है. इसे लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग क्या नियम बनाए गए हैं. इस पर मामले की सुनवाई के दौरान मार्कफेड के एमडी ने शपथ पत्र के साथ कोर्ट को जानकारी दी कि इस तरह का कोई मापदंड तय नहीं किया गया है. मामले में हुई पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता समितियों को सूखत के संबंध में अभ्यावेदन पेश करने और इस पर 30 दिनों के भीतर निराकरण करने का निर्देश दिया था.

The Alarm 24
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