बिलासपुर: ड्राइवर की संदिग्ध मौत मामले में 4 पर केस दर्ज:जांच टीम ने माना हादसा,रिपोर्ट में जख्मों का जिक्र लेकिन कैसे लगे इसका जवाब नहीं
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रसूखदार परिवार के ड्राइवर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को पुलिस की जांच टीम ने भी हादसा मान ली है। चार लोगों की लापरवाही से मौत का केस भी दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमॉर्टम में मृतक के शरीर पर चोटों का जिक्र है। उसे चोट कैसे और किन परिस्थितियों में आई, इसका कोई जवाब नहीं है। परिजन इस केस में अब भी असंतुष्ट हैं। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।
तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम मोछ निवासी केजू उर्फ गोवर्धन यादव (30) सरकंडा के जोरापारा में किराए के मकान में रहता था। वह बरसय्या ट्रेडर्स के यहां ड्राइवर का काम करता था। बीते 5 फरवरी को उनके यहां पार्टी थी। उसी रात करीब 10 बजे अमेरी चौक में केजऊ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उसके शरीर में चोंट और खरोंच के निशान थे। पुलिस ने उसकी मौत को हादसा बता दिया था। इस पर उसकी पत्नी ने हत्या होने की आशंका जताई। पीएम रिपोर्ट के आधार पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की थी। अब दोबारा केस की जांच के बाद पुलिस ने घटना के समय कार में सवार चार लोगों पर केस दर्ज किया है।
सीएसपी सहित चार सदस्यों ने की जांच
परिजनों की मांग पर एसपी संतोष सिंह ने एक अलग जांच टीम बनाई थी। जिसमें सीएसपी सिविल लाइन संदीप पटेल के साथ ही कोतवाली टीआई प्रदीप आर्य, एसआई रमेश पटेल और एसीसीयू के आरक्षक विकासराम को रखा गया था। उन्होंने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज खंगाला, परिजनों और प्रत्यक्षदर्शियों का बयान दर्ज किया, तकनीकी साक्ष्य भी जुटाए। लेकिन, हत्या का मामला सामने नहीं आया। उन्होंने जांच रिपोर्ट एसपी को सौंप दी है।
जांच में बताया कार सवार लोगों की सामने आई लापरवाही
जांच रिपोर्ट में यह बताया गया कि, आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में यह दिख रहा कि ड्राइवर गोवर्धन उर्फ केजऊ यादव गाड़ी से निकलकर भागते हुए नाली में गिर गया। लेकिन, कार सवार स्वप्निल गुप्ता सौरभ सिंदे, सुयश केडिया और शोभा मधुकर ने घायल की मदद नहीं की। कुछ देर बाद वे वापस आए और मृतक के साले देवेन्द्र उर्फ विकास यादव और ड्राइवर गोलू उर्फ मनमोहन देवांगन के साथ गोवर्धन को अस्पताल ले गए। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि कार सवार लोगों ने नाली में गिरने के बाद उसकी कोई मदद नहीं की, जो उनकी लापरवाही है।
कहां से आया चोट, टीम के पास नहीं है कोई जवाब
मृतक के पीएम रिपोर्ट में शरीर में गंभीर चोट के निशान होने की पुष्टि की गई थी, जिसके आधार पर परिजनों ने हत्या का केस दर्ज करने की मांग की थी। जांच टीम ने जख्म कैसे लगे, इसकी जांच की। इसके लिए कार की भी फोरेसिंक जांच कराई गई। लेकिन, टीम को अब तक यह पता नहीं चल सका है कि उसके शरीर पर मारपीट से चोटों के निशान कैसे और कहां से आया। हालांकि, पीएम रिपोर्ट के आधार पर टीम की अनुशंसा पर इस केस में आरोपियों पर धारा 325 के तहत भी कार्रवाई की गई है। यह भी कहा जा रहा है कि पीएम रिपोर्ट की क्यूरी भी कराई जाएगी।
बयान में कहा कि, नहीं चला पा रहा था गाड़ी
आरोपियों ने अपने बयान में यह भी कहा कि मृतक केजऊ नशे में धुत्त था और गाड़ी नहीं चला पा रहा था। इसलिए उसे रोकने को कहा गया। गाड़ी रोकते ही वह उतरकर भागने लगा। लेकिन, उन्होंने उसे गिरते हुए नहीं देखा। जबकि, सीसीटीवी कैमरे में कहानी कुछ और दिख रही है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि नशे में होने के बाद वह बिना किसी वजह के कार से उतरकर क्यों भागा।
आगे भी जांच जारी, बढ़ सकती हैं धारा
पुलिस का कहना है कि इस मामले में पीएम रिपोर्ट की क्यूरी कराई जा रही है। मृतक के शरीर पर लगे चोट के संबंध में अभी भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। क्योंकि, कार में किसी भी तरह के खून या संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं। इसके अलावा शादीघर से घटनास्थल की दूरी महज 2 किलो मीटर है। इस बीच कार में ड्राइवर के साथ मारपीट होने की आशंका भी नहीं है। इसे देखते हुए पुलिस इस मामले की बारीकी से जांच करने का दावा कर रही है, जिसमें आगे और भी आरोपी के नाम शामिल होने या अपराधिक धाराएं बढ़ाए जाने की भी बात कही जा रही है।