क्रिकेटर, चीफ जस्टिस, सांसद, बिजनेसमैन… बांग्लादेश की विद्रोही बर्बर भीड़ किसी का घर नहीं छोड़ रही, हर तरफ लूटमार-आगजनी
बांग्लादेश06 अगस्त 2024:बांग्लादेश अशांत है. लोगों में गुस्सा है और सड़कों पर सैलाब है. भीड़ की बर्बरता देखकर हर कोई सहम गया है. पड़ोसी समेत दुनिया के देश भी चिंतित हैं. विद्रोही भीड़ प्रधानमंत्री आवास से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से लेकर क्रिकेटर, नेता, कारोबारियों के घर तक को निशाना बना रही है.
यह कहा जा सकता है कि बांग्लोदश में भीड़ किसी को नहीं छोड़ रही है और हर तरफ लूटमार और आगजनी हो रही है. स्कूलों से लेकर यातायात तक बंद कर दिया गया है. कारखानों में ताले डल गए हैं. ये भीड़ अब घरों में घुसकर हमले कर रही है. अल्पसंख्यक हिंदू भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर छात्र आंदोलन शुरू हुआ था और प्रधानमंत्री शेख हसीना (76 वर्ष) के देश छोड़ने के साथ इस विवाद का पटाक्षेप हुआ. फिलहाल, शेख हसीना ने पद छोड़ दिया है और वो भारत आ गई हैं. शेख हसीना लगातार 15 साल से सत्ता संभाल रही थीं. ये उनका पांचवां कार्यकाल था.
अब बांग्लादेश में जल्द ही नई अंतरिम सरकार बनाई जाएगी. राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि संसद भंग की जाएगी. उन्होंने जेल में बंद BNP नेता औरी पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की रिहाई का आदेश भी दिया. खालिदा कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद थीं. राष्ट्रपति ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और अन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की.
क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान के घर में आगजनी
सोमवार को भीड़ ने बांग्लादेश क्रिकेट टीम पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के घर में आग लगा दी. मुर्तजा सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के सांसद भी हैं. उन्होंने इस साल हुए आम चुनाव में लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी. वे खुलना डिवीजन के नरैल-2 लोकसभा क्षेत्र से चुने गए थे. मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद प्रदर्शनकारी नरैल में मुर्तजा के घर पहुंचे और तोड़फोड़ शुरू कर दी. बाद में घर में आग लगा दी. मुर्तजा ने अपने लंबे क्रिकेट करियर में 36 टेस्ट, 220 वनडे और 54 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 390 विकेट लिए और 2,955 रन बनाए. वो सभी फॉर्मेट में 117 मैचों में बांग्लादेश का नेतृत्व कर चुके हैं. ये उनके देश के लिए सबसे ज्यादा है. क्रिकेट से संन्यास के बाद उन्होंने 2018 में अपनी सियासी पारी शुरू की और शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग में शामिल हो गए.
चीफ जस्टिस के घर में लूटपाट
ढाका में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के घर में भी प्रदर्शनकारियों ने लूटपाट की है. इसके अलावा पुलिस अधीक्षक के रमना क्षेत्र में स्थित आवास में भी तोड़फोड़ की गई है. भीड़ को दोनों आवासों से फर्नीचर और अन्य कीमती सामान ले जाते भी देखा गया है. दोनों आवास की सुरक्षा के लिए पुलिस या सुरक्षाकर्मी भी नहीं देखा गया है. ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ बांग्लादेश और SP के आवास पर भीड़ ने हमला बोला और तोड़फोड़ की. जब ये अटैक हुआ, तब दोनों घर खाली थी. परिवारजन घर छोड़कर चले गए थे. उनके जाने के बाद सभी सुरक्षाकर्मी भी घर छोड़कर चले गए थे.
कारोबारी के होटल में आगजनी, 8 लोग जलकर मरे
ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, सोमवार को जेसोर में एक होटल में आगजनी में 8 लोगों की मौत हो गई. करीब 84 लोग घायल हुए हैं. होटल के मालिक जेसोर जिले अवामी लीग के महासचिव और कारोबारी शाहीन चकलादार हैं. डिप्टी कमिश्नर अबरारुल इस्लाम ने आगजनी की पुष्टि की. मरने वालों में दो की पहचान 20 वर्षीय चयन और 19 वर्षीय सेजन हुसैन के रूप में हुई. जशोर जनरल अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि शहर में विभिन्न जगहों पर हजारों लोग शेख हसीना के इस्तीफे का जश्न मना रहे थे. इस दौरान कुछ लोगों ने चित्तरमोर इलाके में जाबिर होटल में आग लगा दी और तोड़फोड़ की. जिला अवामी लीग कार्यालय और शरशा और बेनापोल क्षेत्रों में भी तीन और अवामी लीग नेताओं के घरों पर उपद्रवियों ने हमला किया है.
प्रधानमंत्री के आवास पर हुड़दंग
इससे पहले सोमवार दोपहर हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास गणभवन पर धावा बोल दिया और तोड़फोड़ की. यहां लूटपाट भी की गई और कीमती सामान को लोग उठाकर ले गए. भीड़ के हमले के विजुअल सामने आए हैं, जिसमें वो खाना खा रहे हैं और बेडरूम में घुसकर आराम करते देखे जा रहे हैं. पीएम आवास के बाद बेकाबू भीड़ संसद भवन में घुस गई और वहां जमकर तोड़फोड़ की. बाद में कथित प्रदर्शनकारी स्मारकों में घुस गए. धनमंडी इलाके में चर्चित सुधा सदन में आग लगा दी और इसे लूट लिया. इतना ही नहीं, शेख हसीना सरकार के कई मंत्रियों के घर पर भी हमले हुए हैं और पार्टी के ऑफिसों को तोड़ा गया है.
शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति तोड़ी
‘ढाका ट्रिब्यून’ ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने जिला अवामी लीग कार्यालय में भी आग लगा दी और इसके अध्यक्ष के घर में तोड़फोड़ की. बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के आधिकारिक निवास ‘बंगबंधु भवन’ में तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. यह ढाका के धानमंडी में स्थित ऐतिहासिक इमारत है, जिसका इस्तेमाल शेख मुजीबुर्रहमान ने अपने निजी निवास के रूप में किया था. भीड़ ने मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को जेसीबी की मदद से खोखला करके गुस्सा जताया. मुजीबुर्रहमान ने 1971 में बांग्लादेश को आजादी दिलाई और लोगों ने उन्हें राष्ट्रपिता की उपाधि दी थी. 4 साल बाद याननी अगस्त 1975 में शेख मुजीब की हत्या इसी घर में उनके परिवार के सदस्यों के साथ की गई थी. इस दौरान उनकी बेटी शेख हसीना बच गई थीं, क्योंकि वो वारदात के वक्त विदेश में थीं. यह इमारत एक राष्ट्रीय धरोहर स्थल है और इसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया है. शेख हसीना को भी बांग्लादेश में लोकतंत्र की ‘लौह महिला’ कहा जाता रहा है.
बांग्लादेश में पूरी तरह अस्थिरता का माहौल
बांग्लादेश की पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. सड़कों पर कोई पुलिस नहीं है. यहां तक कि बांग्लादेश के बॉर्डर गार्ड के जवानों को भी वापस बुला लिया गया है. वे ड्यूटी पर नहीं हैं. बांग्लादेश की सड़कों पर सिर्फ सेना के जवान ही तैनात हैं, लेकिन उनकी तादाद कम है. इस बीच, मंगलवार को शेरपुर में कैदियों ने जेल तोड़ दी और 500 कैदी भाग निकले. सेना ने शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 6 घंटे के लिए उड़ानें रद्द कर दीं.
भारत पहुंचीं शेख हसीना
इधर, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार शाम करीब सवा 6 बजे गाजियाबाद के डासना स्थित भारतीय वायुसेना के हवाई अड्डे पर सी-130 विमान से उतरीं. शाम करीब साढ़े 7 बजे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शेख हसीना से मुलाकात की. ये मुलाकात करीब एक घंटे तक चली. उसके बाद भारत सरकार ने सोमवार देर शाम बांग्लादेश के हालात पर चर्चा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की.
महीनेभर में सत्ता से ढीली हो गई पकड़
वहीं शेख हसीना की कट्टर प्रतिद्वंदी खालेदा जिया ने लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की. शेख हसीना के बेटे और सलाहकार साजीब वाजेद ने कहा कि उनकी मां ने अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ा है और वो अब कभी राजनीति में नहीं लौटेंगी. शेख हसीना ने विवादित आम चुनावों में भारी बहुमत हासिल करने के बाद 11 जनवरी को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. महीनेभर पहले तक शेख हसीना की सत्ता पर मजबूत पकड़ देखी जा रही थी, लेकिन हाल के कुछ दिनों में ये पकड़ पूरी तरह ढीली हो गई और पिछले कुछ घंटे में बांग्लादेश में अराजकता का माहौल बन गया. अब आगे क्या होगा, अभी बहुत स्पष्ट नहीं हैं. छात्र संगठनों ने अंतरिम सरकार की रूपरेखा तय करने के लिए 24 घंटे का समय दिया है.
कैसे बिगड़ गए हालात
बांग्लादेश में रविवार को विभिन्न हिस्सों में शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की जा रही थी. इस बीच प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच टकराव हो गया. 4 अगस्त को हुई हिंसा में कम से कम 94 लोग मारे गए. भीड़ के हमले में 13 पुलिसकर्मियों की मौत भी हुई. यह टकराव पुलिस और ज्यादातर छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के कुछ दिनों बाद हुआ. देश में एक पखवाड़े के भीतर कम से कम 300 लोग मारे गए हैं. यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से ये आंदोलन शुरू हुआ और देश के कोने-कोने में पहुंच गया था. विपक्षी दल भी सड़कों पर उतर आए थे. सरकार ने इन प्रदर्शनों का सख्ती से खत्म करने की कोशिश की. गोलियां चलीं. सेना सड़कों पर उतरी, लेकिन आंदोलन नहीं थमा. सोमवार दोपहर 2:30 बजे ढाका में प्रधानमंत्री आवास से ही सेना के हेलिकॉप्टर में बैठकर शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा.
बाद में राष्ट्रपति ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया और कहा, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आज उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है. राष्ट्रपति ने कहा, संसद को भंग करके जल्द से जल्द अंतरिम सरकार बनाने का निर्णय लिया गया है. सेना भी मौजूदा अराजक स्थिति को सामान्य करने के लिए कदम उठाएगी. अंतरिम सरकार जल्द से जल्द आम चुनाव कराएगी.
खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश
उन्होंने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का भी निर्णय लिया गया, जो कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं. राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी छात्रों को रिहा करने का भी आदेश दिया. उन्होंने कहा कि भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा और घायलों के इलाज के लिए सभी जरूरी मदद की जाएगी. उन्होंने राजनीतिक दलों से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सामान्य बनाने और लूटपाट जैसी गतिविधियों को रोकने का आग्रह किया.
राष्ट्रपति ने शांति की अपील की
उन्होंने कहा, मैं सशस्त्र बलों को लोगों के जीवन और संपत्तियों और राज्य संपत्तियों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दे रहा हूं. मैं सभी से सांप्रदायिक सद्भाव, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सरकारी संपत्ति की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान करता हूं. हत्या और हिंसा में शामिल लोगों को निष्पक्ष जांच के माध्यम से न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंगलवार से देश के सभी कार्यालय और अदालतें खुल जाएंगी.