गरियाबंद: फंदे से लटकती मिली SDO की लाश:RES विभाग के अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने सरकारी आवास में लगाई फांसी; परिवार गया हुआ था भिलाई
गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर जनपद कार्यालय में पदस्थ RES विभाग के SDO की फांसी के फंदे पर लटकी हुई लाश मिली है। SDO राघवेंद्र बहादुर सिंह जनपद पंचायत फिंगेश्वर में 3 महीने पहले ही पदस्थ हुए थे।सोमवार को उन्होंने पूरे दिन ऑफिस में काम किया। इसके बाद वे अपने सरकारी आवास में चले गए। सोमवार रात उनकी लाश उनके कमरे में फांसी से लटकी हुई पाई गई।
जानकारी के मुताबिक, SDO राघवेंद्र बहादुर सिंह ने शनिवार और रविवार को अपनी पत्नी और दोनों बेटियों को राजिम मेला भी घुमाया। फिर रविवार को उन्होंने अपने परिवार को भिलाई पहुंचा दिया, जहां के वे रहने वाले थे। रविवार को ही वे वापस फिंगेश्वर लौट आए। सोमवार को उन्होंने दिनभर ऑफिस में काम किया। पत्नी से उनकी आखिरी बातचीत सोमवार शाम साढ़े 4 बजे हुई थी। इसके बाद शाम में ड्यूटी के बाद वे वापस अपने सरकारी आवास आ गए। इधर परिवार वालों ने उनसे लगातार फोन करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया। इससे घबराए परिजन मंगलवार सुबह भिलाई से फिंगेश्वर पहुंचे।
जब परिजन फिंगेश्वर स्थित घर पहुंचे, तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। दरवाजा खोलने की कोशिश की गई, लेकिन वो नहीं खुला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। फिंगेश्वर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ताला तोड़ा। अंदर उन्हें अधिकारी राघवेंद्र बहादुर सिंह की लाश फांसी पर लटकी हुई मिली। शव को फांसी से उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया गया है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल आत्महत्या की वजहों का पता नहीं चल पाया है। पत्नी से पूछताछ की जा रही है।
वन विभाग के रेंजर ने जहर खाकर की आत्महत्या
कांकेर जिले में वन विभाग के रेंजर कृष्णा इरघट ने 9 फरवरी को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। कोरर वन परिक्षेत्र में पदस्थ रेंजर कृष्णा इरघट ने गुरुवार को अपने शासकीय आवास में जहर खा लिया था। इसके बाद फौरन उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रायपुर रेफर किया गया था, लेकिन राजधानी पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
रेंजर कृष्णा इरघट के आत्महत्या की वजहों का खुलासा नहीं हो सका है। वन विभाग के आला अधिकारियों ने मामले में जांच की बात कही है। कांकेर जिला अस्पताल में जब रेंजर को इलाज के लिए लाया गया, तब वन विभाग के सीसीएफ, डीएफओ आलोक वाजपेयी समेत अन्य रेंजर भी वहां पहुंचे थे। रात में उनकी स्थिति में सुधार नहीं होने पर डॉक्टर्स ने उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया था, लेकिन धमतरी के पास उनकी मौत हो गई। इस पूरे मामले में वन विभाग और पुलिस जांच की बात कह रही है। फिलहाल रेंजर की आत्महत्या करने के कारण साफ नहीं हो सके हैं। उनके शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंपा गया है। गृहग्राम कापसी में उनके शव का अंतिम संस्कार किया गया।
7 फरवरी को बीजापुर में भी जवान ने की थी खुदकुशी
बस्तर संभाग में नक्सली मोर्चे पर तैनात एक जवान ने 7 फरवरी को खुदकुशी कर ली थी। बीजापुर जिले में सीआरपीएफ की 85वीं बटालियन के हेड ऑफिस में पदस्थ जवान ने मंगलवार को अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जवान का नाम विनय उर्फ बीनू बताया जा रहा है, जो केरल का निवासी था और पिछले 2 सालों से बीजापुर के 85वीं बटालियन मुख्यालय में पदस्थ था। 3 दिन पहले ही जवान छुट्टी से वापस लौटा था। जिसके बाद उसने अपनी बैरक में सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हालांकि आत्महत्या का कारण अज्ञात है।
बीजापुर के एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने जानकारी दी थी कि जवान विनय उर्फ बिनु पिछले 2 सालों से बीजापुर में सीआरपीएफ 85वीं बटालियन के मुख्यालय में पदस्थ था। हर रोज की तरह मंगलवार सुबह भी जवान अपने बैरक से तैयार होकर ड्यूटी में जाने के लिए निकल रहा था। इस दौरान उसके साथी उसे बैरक में छोड़कर ड्यूटी पर आ गए, लेकिन जवान नहीं आया। उसने बैरक में ही अपने सर्विस राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
सर्विस राइफल से जवान ने खुद को मारी थी गोली
4 महीने पहले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के डोमीकला बेस कैंप में एक आरक्षक ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घटना औंधी थाना क्षेत्र की थी। आरक्षक वेदराम (35 वर्ष) ने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली थी। आत्महत्या का कारण अज्ञात था। ASP मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी पुपलेश पात्रे ने बताया था कि डोमीकला बेस कैंप में सुबह 7 बजे के करीब आरक्षक वेदराम ने खुद के राइफल से खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनते ही आसपास के जवान घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। मृतक आरक्षक वेदराम शादीशुदा था। उसका परिवार राजनांदगांव में रहता है।