अमरकंटक में 25 मार्च से 2 अप्रैल तक महामहोत्सव:31 मार्च को 24 टन की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा, 151 फीट ऊंचा जिनालय आकर्षण का केंद्र
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) से सटे अमरकंटक में बन रहा सर्वोदय तीर्थ पूरे 20 बरस बाद साकार हो गया है। इस नए तीर्थ के उदय का महोत्सव पूरे 12 दिनों तक चलेगा। 22 मार्च से 2 अप्रैल तक यहां पंच कल्याणक गजरथ महामहोत्सव चलेगा। इसी दौरान 31 मार्च को भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का विधिवत अनावरण एवं प्राण-प्रतिष्ठा होगी।
महामहोत्सव में शामिल होने के लिए आचार्य विद्यासागर महाराज के साथ मुनिश्री प्रसादसागर, चंद्रप्रभसागर एवं निरामयसागर महाराज 21 मार्च को अमरकंटक पहुंचे। श्री दिगंबर जैन अमरकंटक क्षेत्रीय विकास समिति द्वारा हो रहे इस आयोजन में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं बन्य बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
ये है खासियत
सर्वोदय तीर्थ का निर्माण अमरकंटक में तकरीबन 3 लाख वर्गफीट में किया गया है। 151 फीट ऊंचे जिनालय के शिखर की ऊंचाई 151 फीट है। लंबाई 450 और चौड़ाई 125 फीट है।
मंदिर के निर्माण में कहीं भी लोहे या सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया है। सिर्फ पत्थरों की जोड़ाई हुई है।
गर्भगृह में अष्टधातु की 24 हजार किलो वजनी भगवान आदिनाथ की पद्मासन प्रतिमा है। इसे विश्व में सर्वाधिक वजनी प्रतिमा माना गया है।
प्रतिमा 17 हजार किलो वजनी अष्टधातु कमल पर विराजित है। कमल एवं प्रतिमा को मिलाकर कुल वजन 41 हजार किलो है।
ऐसे होंगे कार्यक्रम
25 मार्च – घटयात्रा व ध्वजारोहण
26 मार्च – गर्भ कल्याणक
27 मार्च – गर्भकल्याणक
28 मार्च – जन्मकल्याणक
29 मार्च – तपकल्याणक
30 मार्च – ज्ञानकल्याणक
31 मार्च – ज्ञानकल्याणक
01 अप्रैल – मोक्षकल्याणक, विश्व शांति महायज्ञ व गजरथ फेरी
02 अप्रैल – महामस्तकाभिषेक
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले से सटे मध्यप्रदेश के अमरकंटक में मंगलवार को आचार्य विद्यासागर महाराज पहुंचे। यहां उनकी भव्य अगुवानी के लिए देशभर से आए भक्तों का तांता लगा रहा। बहुप्रतीक्षित श्रीमज्जिनेन्द्र प्राणप्रतिष्ठा पंचकल्याणक गजरथ महामहोत्सव 25 मार्च से 2 अप्रैल 2023 तक संपन्न होगा। जैन धर्म के पंचकल्याणक महोत्सव में धार्मिक क्रियाकलापों और आवास के लिए अमरकंटक में विशाल परिसर में अस्थायी नगर बसाया गया है। आचार्य 20 वर्षों के अंतराल के बाद यहां आए है।
100 करोड़ लागत
निर्माण के लिए गुलाबी पत्थर राजस्थान के धौलपुर बंशी पहाड़ से ट्रकों में लाए गए। पत्थर पर 300 कारीगरों ने डिजाइन उकेरे हैं। शिलान्यास के समय लागत का आंकलन 60 करोड़ रुपए का था, जो बढ़कर 100 करोड़ से अधिक हो गया है। जिनालय और मान स्तंभ के निर्माण का ड्राइंग-डिजाइन अहमदाबाद के आर्किटेक्ट सीबी सोमपुरा ने बनाया है।