छत्तीसगढ़

मंत्रिपरिषद की बैठक : राज्य के बस संचालकों के हित में अहम निर्णय, बस संचालकों का 2.57 करोड़ का व्हीलबेस आधारित टैक्स हुआ माफ

रायपुर. राज्य के बस संचालकों के हित में सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में अहम निर्णय लिया गया. इसके तहत वर्ष 2013 के पूर्व की पंजीकृत यात्री बसों से व्हील बेस की विसंगति के कारण उत्पन्न टैक्स नही लेने का निर्णय लिया गया है, 2013 से पूर्व पंजीकृत बसो के व्हीलबेस आधारित टैक्स को माफ कर दिया गया है. राज्य सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले से प्रदेश के बस संचालको को टैक्स माफी का लाभ मिलेगा.

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस निर्णय के बाद व्हील बेस के लिए जारी अधिसूचना 2013 के अधिसूचित दिनांक से ही लागू होगी. उक्त अधिसूचना का भूतलक्षीय प्रभाव को खत्म किया गया है. ज्ञात हो कि पूर्व में व्हीलबेस को लेकर कानून बनाया गया था लेकिन उस कानून के तहत उतनी बैठक क्षमता उन यात्री बसों में उपलब्ध नहीं थी, ऐसे बस संचालकों को 24 महीने का समय दिया गया था की वे अधिसूचना के अनुसार अपने बस के सीटों में परिवर्तन करा लेवें. लेकिन एक बार बस बन जाने के बाद पुनः बैठक क्षमता में परिवर्तन करने के लिए बस के स्वरूप में परिवर्तन कर नया सीट लगाना कठिन कार्य होता है. केबिनेट की बैठक में 2013 के पूर्व पंजीकृत बसो की ऐसी विसंगतिपूर्ण भूत लक्षीय टैक्स नहीं लेने का निर्णय लिया गया है. इससे 2013 से पूर्व पंजीकृत बस के संचालकों को बस में कोई परिवर्तन नहीं कराना होगा और जितनी सीट बस में पंजीयन के समय था उतने में ही टैक्स देना होगा. ऐसे बहुत से बस संचालक जिनके ऊपर व्हीलबेस का बकाया निकला है, उन्हें अब बकाया टैक्स नहीं पटाना पड़ेगा. ऐसे बस संचालकों के ऊपर टैक्स के साथ ब्याज और शास्ति भी जुड़ चुका था, जो बढ़ पर कई प्रकरण में बस के मूल्य से भी ज़्यादा हो चुका था. व्हीलबेस टैक्स नियम के भूत लक्षीय प्रभाव को खत्म करने के लिए यातायात महासंघ के द्वारा लगातार मांग किया जा रहा था. इस विषय पर विचार कर परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के द्वारा इस नियम का सरलीकरण कर समाधान के लिए कदम उठाया गया.

इससे निश्चित ही राज्य के बस संचालकों को राहत प्राप्त होगी. छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पहले भी इस प्रकार आम बस संचालकों को 2013 के पूर्व का कर माफ किया गया था, यात्री बसों के केवल 2 महीने की निष्प्रयोग की सीमा को समाप्त किया गया था, निष्प्रयोग के समय अग्रिम कर जमा करने की अनिवार्यता को समाप्त किया गया था. कोरोना काल में यात्री बसों का, स्कूल बसों का, सिटी बसों का, मालवाहकों का कर माफ किया गया था. डीजल पेट्रोल के दाम में भारी वृद्धि होने पर यात्री किराए में 25 प्रतिशत वृद्धि की गई थी, इसके अलावा समय-समय पर पुराने बस संचालको के मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के द्वारा ट्रांसपोर्टर के हित में फ़ैसले लिए जाते रहे हैं.

छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए आभार जताया है. महासंघ ने कहा कि सरकार के इस फैसले से राज्य के 12500 बस संचालकों को राहत मिलेगी. अब उन्हें जितनी बैठक क्षमता है उतने का ही कर देना होगा. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सैयद अनवर अली ने कहा कि सरकार का यह कदम अत्यंत दूरदर्शी है. इससे निश्चित ही बस संचालकों की सबसे कठिन समस्या का अंत होगा. सरकार के कैबिनेट के निर्णय का महासंघ के संरक्षक प्रमोद दुबे, संयोजक नरेंद्र सिंह गरचा, भावेश दुबे, समेत सभी सदस्यों ने स्वागत किया है. साथ ही सीएम भूपेश बघेल और परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर का आभार जताया है.

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