तुर्किये-सीरिया में 37 हजार से ज्यादा मौतें: 9 दिन बाद भी लोगों को जिंदा बाहर निकाला जा रहा, रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरी दौर में पहुंचा
तुर्किये और सीरिया में खतरनाक भूकंप को आए 9 दिन हो गए हैं। इन दोनों देशों में अब तक 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कहा है कि दोनों देशों में हुई त्रासदी से 70 लाख से ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि यह भूकंप यूरोप में 100 साल में आई सबसे बड़ी आपदा है।
मंगलवार को सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल-असद ने तुर्किये के साथ लगी दो और बॉर्डर क्रॉसिंग खोलने की घोषणा की है। इसके जरिए UN भूकंप से जुड़ी राहत सामग्री सीरिया भेज पाएगा। अगले 3 महीने तक देशवासियों की मदद के लिए ये बॉर्डर खुले रहेंगे। 2011 में सीरिया में शुरू हुए सिविल वॉर के बाद पहली बार ये सीमाएं खोली गई हैं।
एक हफ्ते बाद भी जिंदा मिले लोग
तुर्किये और सीरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं। अब भी लोगों को मलबे के नीचे से निकाला जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि 8 से 9 दिन बाद भी कई लोग जिंदा मिल रहे हैं। तुर्किये के हताय प्रांत में 26 साल की महिला को 201 घंटे बाद बचाया गया। इधर, अदीयमन शहर में 199 घंटे बाद 18 साल के युवक को रेस्क्यू किया गया।
सीरिया में रेस्क्यू ऑपरेशन छोड़कर वापस लौट रहे कई देश
कई देश सीरिया बॉर्डर पर रेस्क्यू ऑपरेशन छोड़कर वापस लौट रहे हैं। रविवार को इजराइल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपनी टीम हतजाला ग्रुप को इमरजेंसी फ्लाइट से वापस बुला लिया। इससे पहले जर्मनी और ऑस्ट्रिया ने भी अपने बचाव दलों के तुर्किये से निकाल लिया था।
दरअसल, इजराइल समेत कई देशों की इंटेलिजेंस एजेंसी को इनपुट मिला है कि तुर्किये बॉर्डर पर अलग-अलग गुटों में हिंसक झड़प होने वाली हैं। जिनसे वहां पहुंचे बचाव कर्मियों की जान को खतरा है। जर्मनी के बचाव दल ने भी बताया कि वहां गोलीबारी हो रही है। वहीं तुर्किये के कहरामनमारस में रविवार देर रात 4.7 की तीव्रता का एक और भूकंप का झटका महसूस किया गया। तुर्किये में 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद लगातार आफ्टरशॉक आ रहे हैं जिनसे लोग परेशान हैं।