कांकेर: रोजगार की मांग को लेकर ग्रामीणों का विरोध-प्रदर्शन:साढ़े 7 घंटे तक स्टेट हाईवे पर किया चक्काजाम, दूसरे जिलों के यात्री होते रहे परेशान
कांकेर जिले के कच्चे में संचालित लौह अयस्क माइंस में स्थानीय मजदूरों को काम देने और परिवहन कार्य में भी हिस्सेदारी की मांग को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने यहां करीब साढ़े 7 घंटे तक स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। लंबी बातचीत के बाद देर शाम चक्काजाम समाप्त किया गया। हालांकि बैठक में अभी भी कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है।
कच्चे में संचालित माइंस में 25 प्रतिशत स्थानीय मजदूरों को काम दिए जाने को लेकर ग्रामीणों ने स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर दिया था, जिसके कारण भानुप्रतापपुर से दल्ली राजहरा और दुर्ग मार्ग पूरी तरह बंद हो गया था। ग्रामीणों की दलील थी कि पहले भी कई बार माइंस प्रबन्धन से चर्चा की जा चुकी थी, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में माइंस संचालित होने के बाद भी स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा, जो अनुचित है।लोगों ने आरोप लगाया कि बाहर के मजदूरों से काम करवाया जा रहा है। ग्रामीणों ने कई बार मांग करने के बाद भी माइंस प्रबंधन और प्रशासन पर ग्रामीणों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। इधर 7 घंटे तक चक्काजाम के कारण गाड़ियां फंसी रही।
आखिर में माइंस प्रबंधन और प्रशासन की टीम के साथ ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल की लंबी बैठक चली, जिसमें लोगों ने मजदूरी और परिवहन कार्य में कच्चे के स्थानीय लोगों को ज्यादा काम दिए जाने की मांग रखी। लेकिन प्रशासन और माइंस प्रबंधनइससे सहमत नहीं था। भानुप्रतापपुर के एसडीएम प्रतीक जैन ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा काम में ज्यादा प्रतिशत की मांग रखी जा रही है, जबकि माइंस प्रबंधन और प्रशासन ने पहले ही प्रतिशत तय कर रखा है। फिलहाल बैठक स्थगित की गई है, चक्कजाम भी समाप्त हो गया है।
दिनभर यात्री होते रहे परेशान
साढ़े 7 घंटे तक स्टेट हाईवे में चक्काजाम रहने से यात्रियों को भारी तकलीफ से गुजरना पड़ा। भानुप्रतापापुर से दल्लीराजहरा, दुर्ग-भिलाई जाने वाले सैकड़ों यात्री फंसे रहे। देर शाम चक्काजाम समाप्त होने के बाद पुलिस ने मार्ग बहाल करवाकर यात्री बसों को रवाना किया।