रायपुर: सीएम बोले- कैंप लगाकर निपटाएं लंबित मामले, खुद करूंगा समीक्षा; अवैध निर्माण के नियमितीकरण में देरी पर मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी
राज्य में अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लंबित मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अकेले रायपुर में अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए 549 आवेदन लगे हैं। रायपुर समेत कई जिलों में फाइलों के निराकरण में देरी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर करें। सीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि वे स्वयं प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा, जनता को राहत पहुंचाने के लिए यह नियम लाया गया है।
राज्य सरकार ने लोगों को अवैध निर्माण के नियमितीकरण कराने का मौका दिया है। इसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए जनता के बीच व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री बघेल ने कैंप लगाकर मामले निपटाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि निराकरण के लिए जिला नियमितीकरण प्राधिकार का गठन किया गया है। इसमें कलेक्टर को अध्यक्ष एवं एसपी, संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त, मुख्य नपा अधिकारी, विकास प्राधिकरण के सीईओ और नगर निवेश विभाग के प्रभारी अधिकारी सदस्य सचिव बनाए गए हैं।
रायपुर में 4.28 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगा
- रायपुर में अवैध निर्माण नियमितीकरण के 549 आवेदन आए।
- इनमें 396 आवासीय एवं 153 गैर आवासीय मामले हैं।
- अब तक नियमितीकरण प्राधिकार समिति की दो 2 बैठकें हुईं।
- आवेदनों में से 35 प्रकरणों में मांग पत्र जारी किए गए हैं।
- 10 मामलों में जुर्माना राशि मिलने पर 27 मामलों को मंजूर किया गया।
- 549 मामलों में 4 करोड़ 28 लाख 46 हजार 600 का जुर्माना लगाया गया।
- 17 जनवरी तक 27 लाख 46 हजार 500 रुपए जुर्माना की वसूली की गई।
- अवैध निर्माण पार्किंग के नियमितीकरण की अनुमति तभी मिलेगी।
क्या है बिल्डिंग परमिट फीस
बिल्डिंग परमिट फीस का मतलब भूमि विकास नियम 1984 में निर्धारित शुल्क से है। जमीन जिस प्रयोजन के लिए है, उसके स्थान पर यदि भूमि के उपयोग में बदलाव किया जाता है तो उस क्षेत्र की भूमि के लिए वर्तमान में प्रचलित गाइड- लाइन दर का 5 फीसदी अतिरिक्त जुर्माना देना होगा।
मामलों के निराकरण के लिए यह है मापदंड
- 120 वर्गमीटर के प्लाट पर बने भवनों पर कोई जुर्माना शमन शुल्क नहीं लगेगा।
- 120 वर्गमीटर से 240 वर्गमीटर के प्लाटों पर 125 रुपए प्रति वर्गमीटर।
- 240 से 360 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल के भूखंडों पर 200 रुपए प्रति वर्गमीटर।
- 350 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल के प्लाटों पर 300 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से जुर्माना लगेगा।
14 जुलाई 2023 तक देना होगा आवेदन
इसके अनुसार लोगों को तय दस्तावेजों के साथ 14 जुलाई 2023 तक नियमितीकरण का आवेदन देना होगा। अवधि में 30 दिन की वृद्धि का अधिकार कलेक्टर को है। आवेदन पत्र नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्र में सीएमओ तथा निवेश क्षेत्र के भीतर किन्तु स्थानीय निकाय के बाहर संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से मिलेगा।