रायपुर: ‘राहुल गांधी के पास अपनी कोई सोच नहीं’- मनोज तिवारी:बोले- हर रोज स्क्रिप्ट बनती है उस पर एक्टिंग करते हैं कांग्रेस नेता
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर फिल्मी सितारों से सजी रही। सेलेब्रिटी क्रिकेट लीग के दो दिवसीय आयोजन में उत्तर से दक्षिण तक के कलाकारों ने हिस्सा लिया। दूसरे दिन के रोचक मुकाबले में सुप्रसिद्ध अभिनेता और भाजपा सांसद मनोज तिवारी की टीम भोजपुरी दबंग ने सोनू सूद की कप्तानी में खेल रही टीम पंजाब दे शेर को हराया। इस टूर्नामेंट के बाद रायपुर को अलविदा कहने से पहले सांसद मनोज तिवारी ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में खेल, सिनेमा व राजनीतिक पहलुओं पर बेबाक राय रखी।
सिनेमा, राजनीति और फिर क्रिकेट। इन सभी में कौन-सी भूमिका आपके दिल के सबसे करीब है?
देश में फिल्म इंडस्ट्री का विभिन्न पहलुओं पर बड़ा महत्व है। फिल्मकार अपनी कृतियों से बड़ा-बड़ा संदेश देते हैं। मैं ऐसा सोचता हूं कि अगर राजनीति से जुड़ा रहता तो फिल्मी दुनिया के साथियों का एक प्लेटफार्म पर आना शायद राजनीतिक रूप से संभव नहीं हो पाता। सीसीएल एक महत्वपूर्ण मंच बना। और आज क्रिकेटर की भूमिका में हम यह जिम्मेदारी पूरी कर सके हैं। प्रधानमंत्री का संदेश है ‘फिट इंडिया’ सबसे पहले फिल्मी सितारों के जरिए हम उस संदेश को प्रसारित कर रहे हैं। एक भारत, श्रेष्ठ भारत के ख्वाब को भी साकार कर रहे हैं। राजनीति के साथ क्रिकेट और सिनेमा को जोड़ते हुए जो काम हम यहां कर पा रहे हैं वो शायद एक भूमिका में संभव नहीं हो पाता।
इस साल छत्तीसगढ़ में चुनाव हैं, आपको यहां भाजपा का क्या भविष्य दिखाई दे रहा है ?
मैं हमेशा छत्तीसगढ़ आता रहता हूं , लोगों से मिलता हूं। इस बार लोगों के मन में भाजपा के प्रति विश्वास और भी बढ़ा दिखा है, क्योंकि 5 साल कांग्रेस ने जो काम किया जिस तरह से वादाखिलाफी हुई है। इससे जनता नाखुश है। मैंने देखा है छत्तीसगढ़ को फिर से बीजेपी सरकार की जरूरत महसूस हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रति लोगों में विश्वास है। हम यहां अपनी सरकार ना रहने के बावजूद भी सांसदों के जरिए छत्तीसगढ़ की सेवा कर रहे हैं। यह तय है कि भाजपा फिर से सरकार का गठन करके विकास की पारी खेलेगी।
दिल्ली में भी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है, वहां पार्टी की क्या रणनीति है?
दिल्ली में हम अच्छी तरह से जीत हासिल करेंगे, क्योंकि वहां पर आम आदमी पार्टी की राज्य में सरकार है । आम आदमी पार्टी की सरकार इस समय भ्रष्टाचार की सरकार के रूप में जानी जाती है। जो पार्टी आई थी इंडिया अगेंस्ट करप्शन का नारा देकर वह इस तरह से करप्शन में लिप्त हुई है कि हर दिन उनका कोई कोई ना कोई भ्रष्टाचार उजागर होता है । दिल्ली अपने आप को शर्मसार महसूस कर रही है । दिल्ली के लोग बेचैन हैं कि वह इस सरकार से छुटकारा पाएं। 2025 में इनसे भी छुटकारा मिल जाएगा, हमारा वोटिंग परसेंटेज बढ़ेगा।
आप ने तो पंजाब में भी सरकार बना ली। क्या वहां लोग भाजपा से नहीं जुड़ पा रहे ?
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद उनकी कलई खुल गई है । पंजाब में सरकार इनकी नहीं बनती तो दिल्ली की तरह हमेशा केंद्र को दोष देने की राजनीति करते। अरविंद केजरीवाल लोगों को यही कहकर धोखा देते रहे। पंजाब में सरकार आने के बाद पूरी तरह से पॉलिटिकली उनका असली चेहरा सामने आ गया। पंजाब में आने के बाद हिमाचल में संभावना देखी जा रही थी, मगर वहां शून्य पर रहे। अब पंजाब से ही आम आदमी पार्टी का राजनीतिक अंत होगा।
भारत जोड़ो यात्रा की इधर काफी चर्चा रही है, राहुल गांधी आपको कैसे नेता लगते हैं ?
राहुल गांधी मुझे गैर जिम्मेदार नेता लगते हैं। ऐसा लगता है जैसे एक पुरानी राजनीतिक उधेड़बुन में लगे हुए हैं । उनका सत्ता के प्रति मोह है जो दिख जाता है। मेरा अनुभव ऐसा है उन्हें लेकर। उनके पास अपनी कोई सोच नहीं है रोज स्क्रिप्ट बनती है उस पर वह एक्टिंग करते हैं।
क्या आपके मन में केंद्र में मंत्री या किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की इच्छा है ?
हमारे मन में यह विश्वास है कि यह समय मंत्री बनकर काम करने का नहीं है। हम लोग इंडिविजुअल के तौर पर पार्टी और देश के लिए सहयोग करें ये जिम्मा है। मैं 2013 में राजनीति में आया और 2016 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना। क्या यह भरोसा कोई और पार्टी दिखा सकती है? राजनीति में कई तरह की इच्छा होती है, लेकिन अभी किसी पद पाने से ज्यादा बड़ी सोच है एक सेवक के रूप में नरेंद्र मोदी के साथ खड़े होकर देश के लिए जो वांछित लक्ष्य है वहां तक ले जाएं।
भोजपुरी सितारों का रायपुर में क्रिकेट खेलने का अनुभव कैसा रहा ?
रायपुर का माहौल बहुत भाता है। यहां लोग सकारात्मकता से सराबोर दिखते हैं। वैसे भी हम लोगों के लिए रायपुर नई जगह नहीं है । भोजपुरी दबंग का होम ग्राउंड रायपुर ही है। यहां का स्टेडियम शहर से थोड़ा अलग हटकर है फिर भी लोग आए और टीम को सपोर्ट किया। पंजाब की टीम के साथियों को भी यहां का माहौल रास आया। मैच हारना-जीतना अलग बात है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि हम खिलाड़ी के रूप में खड़े हों। इसके जरिए हम लोगों को संदेश दे रहे हैं कि आप भी खेल से जुड़े रहिए।
क्रिकेट खेलते हुए कॉलेज के दिन या बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी का कोई किस्सा याद आता है?
हम यूनिवर्सिटी में जब क्रिकेट खेला करते थे तो बहुत सीरियस क्रिकेट खेला करते थे। क्योंकि जब खेल की बात आती है, तो खेल का नशा होता है। वह नशा कई बार पढ़ाई को पीछे छोड़ता है। मैंने इसके लिए कई-कई बार क्लास भी बंक की है। लेकिन अब इसी बात का संदेश भी हम दे रहे हैं कि खेलोगे-कूदोगे तो खराब नहीं बनोगे, खेलना-कूदना स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है और हम लोग इसी कोशिश में हैं।