सतीश कौशिक बनाना चाहते थे CG फिल्म का रीमेक:खरीदे थे मोर छइहां भुइयां के राइट्स, सतीश जैन ने बताए शूटिंग के किस्से
देश के जाने-माने फिल्म मेकर और एक्टर सतीश कौशिक का गुरुवार की सुबह निधन हो गया। सतीश कौशिक का यूं अचानक चले जाना, फिल्म इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है। सतीश कौशिक के फिल्मी करियर में छत्तीसगढ़ का नाता भी रहा। प्रदेश के फिल्म मेकर सतीश जैन ने बतौर राइटर सतीश कौशिक के साथ काम किया। सतीश जैन ने बताया कि कौशिक छत्तीसगढ़ी फिल्म का रीमेक करना चाहते थे। प्रदेश की सुपरहिट फिल्म मोर छइहां भुइयां के राइट्स भी कौशिक ने खरीदे थे।
छत्तीसगढ़ी फिल्म मोर छइयां भुइयां को सतीश जैन ने बनाया था। सतीश काैशिक को इस फिल्म की कामयाबी और स्टोरी लाइन ने आकर्षित किया था। सतीश हरियाणा के रहने वाले थे। वो हरियाणवी फिल्मों पर भी काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सतीश मोर छइयां भुइयां को हरियाणवी में बनाना चाहते थे। इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था। जैन ने कहा कि सुबह जब ये खबर सुनी तो बस उनका हंसता चेहरा आंखों के सामने है। वो सेट पर सभी से मुस्कुराकर मिलते थे और सभी का हंसाते थे।
गोविंदा और सतीश कौशिक के साथ CG के जैन
छत्तीसगढ़ के फिल्म मेकर सतीश जैन तब मुंबई में फिल्म राइटर हुआ करते थे। राजा जी, परदेसी बाबू और हद कर दी आपने जैसी फिल्में सतीश जैन ने ही लिखीं थीं। सतीश जैन ने बताया कि इन प्रोजेक्ट्स में करीब 5 साल हमने साथ में काम किया, तब मुझे सतीश कौशिक इंडस्ट्री का वेल ड्रेस्ड राइटर कहते थे। मैं तब शर्ट, पैंट पहनकर तैयार होकर सेट्स पर जाया करता था, वो मुझे वेल ड्रेस्ड कहकर हंसी मजाक करते थे। अनुपम, खेर, परेश रावल ये सभी सेट पर मस्ती करते रहते थे।
एक सीन में दांत में लगी चोट
राजा जी फिल्म को लेकर जैन ने बताया कि इसमें एक सीन मैंने लिखा था जिसमें गोविंदा सतीश कौशिक के भांजे के किरदार में थे। ये दोनों बंबई भाग आते हैं पैसे नहीं हाेते हैं तो गोविंदा पैसों के सतीश कौशिक का सोने का दांत निकालते हैं। इस सीन में सतीश कौशिक को सच में दांत में चोट लग गई थी। मगर फिर भी हंसते हुए पूरा सीन कंप्लीट किया।
मीडिल क्लास अंदाज में जिया जीवन
सतीश जैन ने बताया कि सतीश कौशिक एक बड़ा नाम रहे हमेशा से। मगर मैंने कभी उनको शो ऑफ करते नहीं देखा। वो हमेशा मिडिल क्लास अंदाज में जींदगी जीते हुए दिखाई दिए। साधारण अंदाज में ही अब तक वो रहे। सेट पर सभी से मुस्कुराकर मिलते किसी को ये अहसास होने नहीं दिया कि वो सतीश कौशिक जैसे बड़े कलाकार से बात कर रहा हो, कोई अहंकार उनमें नहीं था।
धरमलाल कौशिक ने दी श्रद्धांजली
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने निर्देशक, लेखक व अभिनेता सतीश कौशिक के निधन पर ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी फिल्म कागज़ जिसमें किसानों की व्यथा को दिखाया गया था उस फिल्म का जुड़ाव ऐसा लगता है कि जैसे छत्तीसगढ़ के किसानों से हो,इस फिल्म के प्रसंगों का उदाहरण हम कई मंचों पर देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमा के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय था।वे सिनेमा के माध्यम से समाज की समस्याओं को उजागर करने में लगे थे। उनके निधन से एक प्रयोगकारी सिनेमा के एक युग का अंत हो गया है,जिसकी भरपाई करना संभव नहीं है।
सदैव सबके संपर्क में रहते थे
एनएसडी के पूर्व छात्र डॉ. योगेंद्र चौबे ने निर्देशक, लेखक, अभिनेता सतीश कौशिक के स्मरणों को याद करते हुए कहा कि वे सदैव एनएसडी परिवार के साथ सदैव संपर्क में रहते थें ।भारतीय सिनेमा में चार दशकों तक दिया हुआ उनका योगदान हमेशा याद किया जायेगा, उनकी फिल्मों में समाज की पीड़ा साफ तौर पर देखा जा जा सकता था। वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को जोड़ने वाले ऐसे शख्सियत थे जिनके कार्यो की चर्चा हमेशा होती रहेगी। सिनेमा के हर पक्ष में उनका जो कार्य रहा है वह हर युग में एक अध्ययन के लिये महत्वपूर्ण दस्ता वेज होगा। उन्होंने कहा कि एक संस्था से प्रशिक्षित हो जब आप खुद को प्रमाणित करते हैं तो समाज उसे सफल फिल्मकार सतीश कौशिक के तौर जानता है।