Supreme Court: संभल मस्जिद विवाद पर ‘सुप्रीम’ आदेश, मुस्लिम पक्ष को राहत; निचली अदालत के आदेश पर रोक
Supreme Court Sambhal Masjid Case: सुप्रीम कोर्ट ने संभल की मस्जिद पर विवाद को लेकर हो रही सुनवाई में लोवर कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुस्लिम पक्षकारों को फौरी राहत दी है.
एपेक्स कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ट्रायल कोर्ट संभल जामा मस्जिद को लेकर दायर याचिका को लेकर तब तक आगे न बढ़े, जब तक कि सर्वेक्षण आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद कमेटी की याचिका हाई कोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए.
सीलबंद लिफाफे में रहे सर्वे की रिपोर्ट
सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जब तक मामला हाईकोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध नहीं हो जाता, तब तक आगे की कार्यवाही पारित आदेश के अनुसार होगी. SC के अनुसार, उसने केस की मेरिट पर कुछ नहीं कहा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने और इस दौरान उसे न खोलने का भी निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी प्रशासन से कहा, ‘शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए. कोई अप्रिय घटना न होने पाए.’
जनवरी के पहले हफ्ते में सुनवाई
कोर्ट ने आगे सुनवाई की तारीख 8 जनवरी मुकर्रर की है. तब तक प्रशासन से शांति व्यवस्था बनाए रखने का आदेश यूपी सरकार को दिया है. कोर्ट ने कहा कि पहले मुस्लिम पक्ष की अर्जी सुनी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने ताकीद किया कि हर हाल में शांति व्यवस्था बनाकर रखी जानी चाहिए. यानी ट्रायल कोर्ट अब इस मामले में 8 जनवरी तक कोई आदेश नहीं दे पाएगा.
क्या बोले मदनी और बर्क?
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने संभल की जामा मस्जिद के संबंध में पैदा हुए विवाद और कोर्ट द्वारा सर्वे के आदेश पर कहा कि पुराने गड़े मुर्दे उखाड़ने से देश की धर्मनिरपेक्ष बुनियादें हिल रही हैं. वहीं सांसद बर्क ने कहा – ‘हम शांति चाहते हैं.
दिल्ली से दूर संभल में आज जुमे की नमाज के मद्देनजर टाइट सिक्योरिटी रही. दूसरी ओर कोर्ट परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया. पूरा शहर अलर्ट पर है. चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात हैं. प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं.