रायपुर पहुंचे नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन:एयरपोर्ट पर सीएम भूपेश ने किया स्वागत, गार्ड ऑफ ऑनर के बाद राजभवन लाए गए, कल शपथ ग्रहण
छत्तीसगढ़ के नये राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन रायपुर पहुंच गये हैं। बुधवार सुबह 10 बजे के करीब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हवाई अड्डे पहुंचकर उनका स्वागत किया। सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी राज्यपाल का स्वागत करने पहुंचे थे। वहां गार्ड ऑफ ऑनर के बाद राज्यपाल को राजभवन लाया गया। गुरुवार को राजभवन के दरबार हॉल में उनका शपथ ग्रहण समारोह होना है।
नये राज्यपाल आज सुबह तक आंध्र प्रदेश में थे। विजयवाड़ा स्थित राजभवन से उन्होंने सुबह 7.30 बजे विदाई ली। वहां से एक विशेष विमान से वे 10 बजे रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर पहुंचे। यहां पहले से मौजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, विधायक कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर आदि ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा सहित प्रशासन और पुलिस के अफसरों राज्यपाल को पुष्प गुच्छ भेंट किया। राज्य पुलिस के जवानों ने राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। उसके बाद राज्यपाल का काफिला राजभवन के लिए रवाना हो गया। हवाई अड्डे के बाहर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन अनुभवी राजनेता हैं। वे पांच बार विधायक रहे, अनेक विभागों के मंत्री रहे और राज्यपाल के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी। छत्तीसगढ़ को उनके अनुभवों का लाभ मिलेगा। सरकार ने एक दिन पहले ही अनुसुईया उइके को मणिपुर के लिए विदा किया था।
राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारी
इस बीच राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। बिस्वा भूषण हरिचंदन 23 फरवरी को सुबह 11.30 छत्तीसगढ़ के नये राज्यपाल की शपथ लेंगे। यह समारोह राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित होना है। बिलासपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी उनको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
नये राज्यपाल को भी जान लीजिए
बिस्वा भूषण हरिचंदन को जुलाई 2019 में आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाकर भेजा गया था। तीन अगस्त 1934 में पैदा हुए हरिचंदन अभी 89 साल के हैं। उन्होंने 1971 में भारतीय जनसंघ जॉइन किया था। जनता पार्टी के गठन तक वे जनसंघ से ओडिशा के महामंत्री थे। 1980 में भाजपा के गठन के बाद उन्हें ओडिशा यूनिट का अध्यक्ष बनाया गया है। वे 1988 तक वे भाजपा के अध्यक्ष रहे। उसके बाद उन्होंने बीजू जनता दल जॉइन कर लिया। 1996 में वे फिर भाजपा में लौटे। हरिचंदन पांच बार विधायक रहे हैं। पहली बार जनता लहर में 1977 में चिल्का सीट से चुनाव जीते थे। उन्होंने भुवनेश्वर सेंट्रल सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। भाजपा.बीजद गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहे। हरिचंदन ने ओडिशा के पाइका विद्रोह सहित कई पर महत्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं।