देश

भारतीय जन संचार संस्थान(आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी को ‘हिंदी गौरव अलंकरण’ सम्मान

आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी को ‘हिंदी गौरव अलंकरण’ सम्मान

19 फरवरी को इंदौर में आयोजित होगा अलंकरण समारोह

नई दिल्ली, 1 फरवरी। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी को वर्ष 2023 का ‘हिंदी गौरव अलंकरण’ सम्मान देने की घोषणा की गई है। प्रो. द्विवेदी के साथ प्रख्यात साहित्यकार एवं इतिहासविद् डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित को भी ‘हिंदी गौरव अलंकरण’ से सम्मानित किया जाएगा। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा 19 फरवरी को इंदौर में आयोजित समारोह में अनेक महत्वपूर्ण साहित्यकार हिस्सा लेंगे।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि अलंकरण का यह चौथा वर्ष है। हिंदी के प्रचार और विस्तार के लिए ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ द्वारा प्रतिवर्ष दो हिंदी साधकों को ‘हिंदी गौरव अलंकरण’ से विभूषित किया जाता है। इस अलंकरण में चयनित विभूतियों की दो श्रेणी है, एक हिंदी साहित्य और दूसरी हिंदी पत्रकारिता। चयन समिति द्वारा वर्ष 2023 के लिए डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित के हिंदी साहित्य एवं प्रो. संजय द्विवेदी के हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में दिये गए योगदान को रेखांकित करते हुए ‘हिंदी गौरव अलंकरण’ प्रदान किये जाने की घोषणा की गई है।

प्रो. संजय द्विवेदी देश के प्रख्यात पत्रकार, मीडिया प्राध्यापक, अकादमिक प्रबंधक एवं संचार विशेषज्ञ हैं। डेढ़ दशक से अधिक के अपने पत्रकारिता करियर के दौरान वह विभिन्न मीडिया संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं। प्रो. द्विवेदी माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के प्रभारी कुलपति भी रहे हैं। वह कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में पत्रकारिता विभाग के संस्थापक अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

प्रो. द्विवेदी वर्तमान में भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे की सोसायटी एवं गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं। वह महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा; विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन; मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद एवं असम विश्वविद्यालय, सिलचर के ‘बोर्ड ऑफ स्टडीज’ के सदस्य हैं।

राजनीतिक, सामाजिक और मीडिया के मुद्दों पर उनके 3000 से ज्यादा लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने 32 पुस्तकों का लेखन एवं संपादन किया है। वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अनुमोदित शोध पत्रिकाओं ‘कम्युनिकेटर’ एवं ‘संचार माध्यम’ के प्रधान संपादक हैं। प्रो. द्विवेदी ‘राजभाषा विमर्श’ एवं ‘संचार सृजन’ के प्रधान संपादक तथा ‘मीडिया विमर्श (त्रैमासिक)’ के मानद सलाहकार संपादक भी हैं। मीडिया क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

The Alarm 24
0
0

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button