छत्तीसगढ़

जगदलपुर: आकाशीय बिजली गिरने से 4 की मौत:कबीरधाम में 2 किसान और कोंडागांव में 2 बच्चियों ने तोड़ा दम; तेज बारिश के साथ गिरी गाज

छत्तीसगढ़ में आकाशीय बिजली गिरने से दो अलग- अलग जिलों में 4 लोगों की मौत हो गई। कोंडागांव जिले में आकाशीय बिजली गिरने से 2 बच्चियों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि, दोनों बच्ची इमली बीनने के लिए जंगल गई हुई थी। जबकि कबीरधाम के ग्राम हरदी में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर 2 किसानों की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, मामला जिले के चिलपुटी गांव का है। इस गांव की रहने वाली मोनिका नाग (10) और राधा मरकाम (10) दोनों शनिवार को जंगल हुए गए थे। जिस जगह दोनों बच्चियां इमली बीन रही थी। उससे कुछ ही दूरी पर गांव के अन्य ग्रामीण भी वनोपज एकत्रित कर रहे थे। आकाशीय बिजली गिरने के दौरान मोनिका और राधा पेड़ के नीचे बारिश से बचने के लिए खड़ी थीं।

घटना के बाद पास में ही मौजूद ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इस हादसे की जानकारी गांव के अन्य ग्रामीणों और परिजनों को दी गई। गांव वालों ने एंबुलेंस 108 से संपर्क कर मौके पर बुलाया। फिर दोनों बच्चियों को 108 के माध्यम से जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कबीरधाम जिले के ग्राम हरदी में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर शनिवार को 2 किसानों की दर्दनाक मौत हो गई। बारिश से बचने के लिए दोनों किसान पेड़ के नीचे खड़े थे, तभी उन पर गाज गिर गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों किसानों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। मामला लोहारा थाना क्षेत्र का है।

लोहारा पुलिस के मुताबिक, मृतक ननकू साहू नवागांव खुर्द और मृतक परमानंद ग्राम रगरा का रहने वाला था। शनिवार को दोनों खेत में काम करने गए थे। इसी दौरान हल्की बारिश के साथ बिजली कड़कने लगी। इससे बचने के लिए दोनों पैलपार हरदी के पास पेड़ के नीचे बैठ हुए थे, तभी आकाशीय बिजली पेड़ पर गिरी और वे इसकी चपेट में आ गए। इससे दोनों की मौत मौके पर ही हो गई।

अब जानिए क्यों गिरती है बिजली?

आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।

बिजली गिरने पर क्या करें

1. सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें। यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।

2. जहां हैं, वहीं रहे। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।

3. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें। सिर को जमीन से सटने न दें। जमीन पर कभी न लेटें।

4. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।

5. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों। समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं।

6. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें।

ऊंची चीजों पर क्यों गिरती है बिजली?

बादल में जब बिजली बन रही होती है, तब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है। जमीन का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है और निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है। मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है। इसे स्ट्रीमर कहते हैं।

बादल के निचले हिस्से में मौजूद निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली धरती पर गिरती है। यही कारण है कि ऊंची चीजों पर बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है। अगर आसपास कोई ऊंची चीज न हो तो बिजली इंसान या धरती पर गिरती है।

घर और कार बचा सकते हैं जान

बिजली गिरने के चलते अधिकतर वे लोग हताहत होते हैं, जो खुले में हों। घर और कार जैसी बंद जगह इंसान को बिजली से बचाती हैं। कार पर जब बिजली गिरती है, तब वह टायर से होते हुए धरती में चली जाती है। इसी तरह घर पर बिजली गिरने से वह नींव के रास्ते धरती में जाती है। बिजली गिरते समय अगर कोई नल से निकल रहे पानी के संपर्क में हो या फिर लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल कर रहा हो तो उसे झटका लग सकता है।

The Alarm 24
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