जगदलपुर : नारायणपुर के झारागांव में नक्सलियों से लड़कर अपने पिता की जान बचाने वाली सुशीला ने मिसाल कायम की है। आमतौर पर नक्सल इलाको में गांव में कई हत्याएं हो जाती हैं और परिवार के लोग एफ आई आर तक दर्ज करवाने नहीं पहुंचते। वहीं सोमवार कुछ ऐसा घटा जिसने बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवा आदिवासियों के मन की नाराजगी और साहस का इजहार कर दिया। सुशीला इसके प्रतीक के रूप में दिखाई दे रही हैं।
दरअसल, नारायणपुर के झारागांव गांव के रहने वाले सोनधर पर उसके घर के ही ठीक बाहर आठ हमलावरों ने हमला कर दिया। सभी के पास कुल्हाड़ी थी और हमला नक्सलियों के तरीके से ही जान लेने की इरादे से किया गया था। कुल्हाड़ी की चोट की वजह से सोनधर गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिरने लगे।
इससे पहले की और उन पर कुल्हाड़ी चलाई जाती सुशीला ने मौके पर पहुंचकर नक्सलियों से कुल्हाड़ी छीन ली और जोर-जोर से चिल्लाने लगी। जिससे आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए और चार बाइक में सवार आठ नक्सली भागने पर मजबूर हो गए।