छत्तीसगढ़

जांजगीर-चांपा: दुर्गा रूप धारण कर निकलीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं:6 सूत्रीय मांगों को लेकर निकाली रैली, आंदोलनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में विभाग

जांजगीर-चांपा जिले में पिछले 25 दिनों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की हड़ताल जारी है। गुरुवार को भी अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर ये धरने पर बैठी हैं। बुधवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने मां दुर्गा का रूप धरकर रैली भी निकाली और राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।

इधर महिला एवं बाल विकास विभाग आंदोलनकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। बुधवार को जिला मुख्यालय के कचहरी चौक पर 25 दिनों से आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं ने दुर्गा रूप धारण कर कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली। जानकारी के अनुसार, जिले की 1300 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिकाएं और कार्यकर्ताएं हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से हालात खराब हो गए हैं।

हड़ताल की वजह से आंगनबाड़ियों में काम ठप है और इससे बच्चों और महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इधर आंदोलन के बाद भी राज्य सरकार ने इन कार्यकर्ताओं से कोई चर्चा नहीं की है। सरकार इनकी बात मानने के मूड में नजर नहीं आ रही है।

वहीं आंदोलनकारियों के खिलाफ कलेक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि राज्य शासन के द्वारा 48 घंटे में काम पर वापस लौटने का अल्टीमेटम दिया गया है। इसका असर भी जिले में दिखने लगा है और आंदोलन में शामिल 300 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं काम पर लौट गई हैं। उन्होंने कहा कि जो काम पर वापस नहीं लौटेगा, उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

इधर आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार के द्वारा कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के मामले में नहीं डरने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर एक भी कार्यकर्ता के ऊपर कार्रवाई हुई, तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगें

  • आंगनबाड़ी सहायिकाओं-कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर पद पर शत-प्रतिशत पदोन्नति दिया जाए एवं विभागीय सेवा भर्ती नियम में संशोधन किया जाए।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षक का दर्जा दिया जाए।
  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5लाख रुपए एवं सहायिकाओं को 3 लाख रुपये रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त राशि दी जाए और मासिक पेंशन, ग्रेच्यूटी और समूह बीमा योजना लागू किया जाए।
  • प्रदेश स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए और पोषण ट्रैक और अन्य कार्य के लिए जब तक मोबाइल, नेट चार्ज नहीं दिया जाता है, तब तक मोबाइल पर काम का दबाव नहीं बनाया जाए।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं का वेतन कलेक्टर दर पर किए जाने की घोषणा की थी, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी टीचर का दर्जा देने का भी वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि रिटायरमेंट के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख और सहायिकाओं को 3 लाख रुपए एकमुश्त दिए जाएं।

धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कहना है कि सरकार के निर्देश पर हम छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने, कोविड-19 के दौरान ड्यूटी, जनगणना, मतदाता सूची बनाने जैसे हर काम को जिम्मेदारी पूर्वक निभाया है, लेकिन मुख्यमंत्री और और समाज कल्याण मंत्री ने हमारी मांगों पर अब तक कोई भी निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वादा किया था कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय और सेवा शर्तें अच्छी होंगी, जिसका जिक्र जनघोषणा पत्र 2018 में भी किया गया था, लेकिन वो वादा अब तक पूरा नहीं किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन किए जाने का वादा भी किया गया था, जो पूरा नहीं किया गया।

The Alarm 24
1
0

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button