अब बस्तर में भी बैंबू राफ्टिंग शुरू:केरल की तर्ज पर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में की जा रही राफ्टिंग, उमड़ रही पर्यटकों की भीड़
छत्तीसगढ़ के बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक के बाद एक नई कवायदें की जा रही है। अब केरल की तर्ज पर यहां भी बैंबू रिवर राफ्टिंग शुरू हुई है। पर्यटकों का भी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। बताया जा रहा है कि, बस्तर के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान अंतर्गत कैलाश झील में शुरू हुआ यह बैंबू रिवर राफ्टिंग बस्तर का पहला रिवर राफ्टिंग है। जो पूरी तरह से केरल के बैंबू राफ्टिंग की तर्ज पर डेवलप किया गया है।
खास बात यह है कि, कैलाश झील से नेशनल पार्क के सभी जीव जंतु दिखेंगे। साथ ही यहां मौजूद अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी भी देखे जा सकेंगे। इसके अलावा यहां स्थित कैलाश गुफा का भी पर्यटक आनंद ले सकते हैं। बताया जा रहा है कि, पिछले कई सालों से कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन इसे शुरू करने का प्रयास कर रहा था। अब कुछ दिन पहले ही इसे शुरू कर दिया गया है।
कांगेर वैली नेशनल पार्क के संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया कि, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में कांगेर जलधारा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है। वहीं इस पार्क के अंदर ही कैलाश झील भी है। जिसके दोनों तरफ घने जंगल और हरियाली है। बीच जंगलों से बहता कैलाश झील का पानी केरल के पर्यटन स्थल से कम नहीं लगता। यही वजह है कि यहां बैंबू राफ्टिंग की शुरुआत की गई है।
मोटर बोट प्रतिबंधित
इको नेशनल पार्क होने की वजह से यहां मोटर बोट पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसे में यहां पर्यटक इस झील में बैंबू राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं। खास बात यह है कि, राष्ट्रीय घाटी राष्ट्रीय उद्यान में दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु हैं। इसके अलावा करीब 300 से 400 प्रजाति के प्रवासिय पक्षी भी हैं। इनमें विदेशी पक्षियों की संख्या ज्यादा है। कैलाश झील से पर्यटक कैलाश गुफा का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
5 बैंबू राफ्ट बनाया गया
दरअसल, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां कुल 5 बैंबू राफ्ट बनाए गए हैं। राफ्टिंग के लिए बड़ी संख्या में लोग भी पहुंच रहे हैं। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में 12 महीने पर्यटकों की भीड़ रहती है। बस्तर में यह क्षेत्र ऐसा है पर्यटन के लिए ही प्रसिद्ध है। विभागीय अफसरों ने बताया कि, यहां बैंबू रिवर राफ्टिंग की शुरुआत होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।