छत्तीसगढ़

Raigarh News: आजादी के बाद खरसिया से विधानसभा में पिछड़ी कांग्रेस, बीजेपी को 14 हजार से अधिक वोटों से मिली बढ़त 

बीजेपी की लहर में पूर्व मंत्री उमेश पटेल का कद हुआ बौना साबित

नए जिले के सौगात को भूल गए लोग, कांग्रेस को नुकसान

8 विधानसभाओं में बीजेपी को मिली लीड, पत्थलगांव में मिशनरी, कंवर वोटरों ने बिगाड़ी रणनीति, मिली मामूली बढ़त 

 

रायगढ़ । पूरे लोकसभा में देखे तो आठ विधानसभाओं में बीजेपी ने बढ़त बनाई है। इसमें सिर्फ पत्थलगांव में ही बीजेपी को मामूली बढ़त मिली है। वहां पर कंवर और मिशनरी वोटरों से बीजेपी की लीड़ कम कर दिया है। एक्सपर्ट बताते हैं कि आजादी के बाद खरसिया से विधानसभा और लोकसभा में कांग्रेस को बढ़त मिलती रही है, लेकिन पहली बार ऐसा देखने को मिला कि खरसिया में बीजेपी ने 14 हजार 643 वोट से लीड लिया है, खरसिया से उमेश पटेल के कद को भी बौना कर दिया है। वहीं रायगढ़ में विधानसभा चुनाव में 64 हजार 443 वोट लीड बीजेपी को मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव यह लीड और बढ़ गई है वह अब बढ़कर 68 हजार 824 वोट लीड मिली है । जशपुर और कुनकुरी सीट में भी बीजेपी को काफी ज्यादा बढ़त मिला है, यहां पर सीएम विष्णुदेव साय की चुनावी रणनीति काम आई है। सीएम के जिले में बीजेपी सिरमौर रही है ।

 

यह बढ़त मिला रायगढ़ लोकसभा से बीजेपी को

जशपुर – 43,121

कुनकुरी- 39,867

पत्थलगांव- 441

लैलूंगा- 34,495

रायगढ़- 68,824

सारंगढ़- 16,459

खरसिया- 14,643

धरमजयगढ़ -21,730

पोस्टल- 211

 

खरसिया में उमेश का जादू नहीं चल पाया है
खरसिया विधानसभा में उमेश पटेल का लोकसभा चुनाव में जादू नहीं चला, पिछले लोकसभा चुनावों में नंद कुमार पटेल के समय से यह देखा जाता था। कांग्रेस विधानसभा या लोकसभा चुनाव हो हर बार कांग्रेस बढ़त रहती थी, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि खरसिया से बीजेपी को 14 हजार 643 वोटों की बढ़त मिली है । डॉ मेनका खुद सारंगढ़ की थी, लेकिन यहां पर भी फायदा नहीं मिल पाया।

सबसे कम लीड पत्थलगांव में
पूरे लोकसभा के आठ विधानसभाओं में पत्थलगांव में बीजेपी को सबसे कम लीड मिला है, जो करीब 441 वोट का ही है। यहां से कांग्रेस को 82,984 वोट मिला है, वही बीजेपी को 83,425 वोट मिला है, जो महज 441 वोट का है। बीजेपी नेताओं का कहना हैं कि वहां पर मिशनरी वोट करीब 55 हजार से अधिक है। वही पर कंवर समाज की 48 हजार वोट है, बताया जाता हैं कि पूर्व विधायक रामपुकार सिंह कंवर और मिशनरी वोटों को साध रखा है, इसका |सीधा फायदा कांग्रेस को मिलता है। यही बात विधानसभा में देखने को मिली थी, जिसमें काफी कम |मार्जिन से पूर्व सांसद गोमती साय जीत हासिल की थी, इसी तरह की स्थिति लोकसभा में देखने को मिली है।

नए जिले के सौगात को भूल गए लोग, कांग्रेस को नुकसान
कांग्रेस ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की सौगात दिया था, नई जिले के वर्षों पुराने मांग पूरी हुई थी। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव में रिकार्ड वोट से कांग्रेस की उत्तरी जांगड़े दुबारा जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार मोदी का लहर के साथ बीजेपी की राज्य सरकार की योजनाओं की वजह से बीजेपी के उम्मीदवार राधेश्याम राठिया को बढ़त मिल गई है। वहां से साढ़े 16 हजार वोट से लीड भारतीय
जनता पार्टी को यहां से मिली है।

सीएम का जादू जशपुर और कुनकुरी में चला
सीएम विष्णुदेव साय का जादू लोकसभा चुनाव में खासकर जशपुर और कुनकुरी विधानसभा में देखने को मिला है । कुनकुरी से जहां सीएम साय विधायक है, वहां से बीजेपी लोकसभा चुनाव में 39 हजार 867 की बढ़त मिली है, वही जशपुर में भी राधेश्याम को 43 हजार 121 वोट की लीड मिली है। इन दोनों विधानसभाओं में सीएम साय का जादू चला है, यहां पर सीएम सभा लेने के साथ एक-एक चुनावी रणनीति के तहत क्या कदम उठाना है, उसका फैसला उन्होंने खुद लिया ।

 

धरमजयगढ़ में 21 हजार 730 वोट की लीड, लालजीत पड़े कमजोर

धरमजयगढ़ विधानसभा से खुद छर्राटांगर से राधेश्याम राठिया आते है, यहां से बीजेपी को 21 हजार 730 वोट से लीड मिली है, यहां पर कांग्रेसी विधायक लालजीत राठिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष | जैसा महौल नहीं बना सके। लालजीत राधेश्याम दोनो एक ही समाज से आते है । स्वजाति होंने की वजह से लालजीत भी धरमजयगढ़ में सक्रियता नहीं दिखाई, इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिला। यहां 2019 के चुनाव में लालजीत ने बढ़त दर्ज की थी। क्योंकि वह खुद चुनावी मैदान में थे। लालजीत को विधानसभा चुनाव के समय में 9 हजार 637 वोट की बढ़त मिली थी लेकिन इस बार ऐसा नही हुआ।

 

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