रायपुर: ड्रग विभाग ने गोंदवारा के महावीर ट्रांसपोर्ट से किया जब्त:नकली दवा का पैकेट 50 में खरीद 700 रुपए में बेच रहे थे कारोबारी
रायपुर और सिमगा को सेंटर बनाकर नकली दवा का रैकेट चलाने वाले कारोबारी लोगों को झांसा देकर कई गुना मुनाफा कमा रहे थे। ड्रग विभाग के अफसरों के अनुसार 50-50 रुपए के पैकेट खरीदकर उसमें नया लेबल लगाकर 700-700 में बेचा जा रहा था। गांव-गांव ही नहीं शहरों के बड़े कारोबारी और अफसर भी चंदा वटी और वाताहरी दवा खरीद रहे थे।
इस बीच शुक्रवार की रात ड्रग विभाग की टीम ने गोंदवारा के महावीर ट्रांसपोर्ट में छापा मारकर वहां से 12 चंदा वटी गोली पकड़ी। ये दवाएं इंदौर के चंदा आयुष संस्थान से यहां भेजी गई थी। ट्रांसपोर्ट से दवाओं का स्टॉक पकड़ने के साथ ही ये स्पष्ट हो गया कि यहां नकली दवाओं का रैकेट चलाने वालों का लिंक इंदौर के चंदा आयुष संस्थान से है।
रायपुर के सूर्यकांत बघेल बजरंग आयुर्वेदिक फर्म और कमलनारायण साहू यशिका मार्केटिंग एवं ट्रेडिंग कंपनी के नाम से नकली दवाएं मंगवा रहे थे। उसके बाद सिमगा के गिरधारी देवांगन को स्टॉक भेजा जाता था। शुक्रवार की रात जो माल पकड़ा गया है वह बजरंग आयुर्वेदिक फर्म के नाम से बुक किया गया था। ड्रग विभाग ने ट्रांसपोर्ट से जब्त माल को अपने कब्जे में कर लिया है। उसका सैंपल भी टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा।
ड्रग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर बसंत कौशिक ने बताया कि गुरुवार को जितना भी स्टॉक जब्त किया गया था, उसे न्यायालय के माध्यम से कस्टडी में ले लिया गया है। चंदावटी की गोलियां बेहद महंगी बेची जा रही थी। इसका एक पैकेट 700 में बेचा जा रहा था, जबकि एक पैकेट में 20 गोलियां ही रहती हैं। अफसरों के अनुसार मोटा मुनाफा होने के कारण ही इतनी भारी मात्रा में स्टॉक मंगवाया जा रहा था।
छत्तीसगढ़ ही नहीं मप्र में भी कई अफसर दर्द से राहत पाने ले रहे यही नकली दवा : चंदावटी और वातहरी दवाओं के पकड़े जाने के बाद अब खुलासा हो रहा है कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मप्र के भी कई अफसर दर्द से राहत पाने यही नकली दवा ले रहे हैं। ड्रग विभाग के अफसरों के अनुसार उन्होंने जब मप्र के ड्रग विभाग के अधिकारियों को यहां पकड़े गए रैकेट के बारे में बताया तो विभाग के अफसर भी हैरान रह गए, क्योंकि ड्रग विभाग के अधिकारी भी वही दवाएं ले रहे हैं। यहां से इनपुट के बाद इंदौर के चंदा आयुष फर्म में भी छापेमारी की तैयारी है।
भाठापारा में सबसे ज्यादा डिमांड
अब तक जांच में पता चला है कि चंदवटी और वातहरी दवाओं की भले ही पूरे प्रदेश में हो रही है लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड भाठापारा इलाके में है। यहां किसी को भी हाथ-पांव में दर्द होने पर यही दवा लेते हैं। घर-घर में यही दवा उपयोग की जा रही है। भाठापारा में ज्यादा मांग होने के कारण ही सिमगा के गिरधारी देवांगन के घर से ज्यादा करीब पांच करोड़ का स्टॉक पकड़ा गया है। ड्रग विभाग के अफसरों के अनुसार ऑन लाइन खरीदी करने वालों इन दवाओं को लेकर कई तरह के फीडबैक भी दिए हैं। कई लोगों ने तो ये तक लिखा है कि ये आयुर्वेदिक दवा इतनी जल्दी कैसे असर कर रही है। इसमें कुछ तो गड़बड़ी है।