सुकमा: अमित शाह ने नक्सलगढ़ के बच्चों की ली क्लास:स्टूडेंट्स को पढ़ाया, जवानों के साथ बैठक हुई;हिड़मा के इलाके में फोर्स कैंप का किया निरीक्षण
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली कमांडर हिड़मा के इलाके पोटकपल्ली गांव पहुंचे। यहां हाल ही में खुले सुरक्षबलों के कैंप का उन्होंने निरीक्षण किया। इसके साथ जवानों की बैठक भी ली। इस दौरान उन्होंने फोर्स के कामों को सराहा। इसके साथ विकास और सुरक्षा पर फोकस करने को कहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने यहां बच्चों की क्लास ली। उन्हें पढ़ाया भी। साथ ही निकलते वक्त बच्चों को टॉफी भी बांटी। शाह ने क्लास रूम में दीवार पर टंगे चार्ट पर बने जानवरों को देखा और फिर एक-एक कर बच्चों को पास बुलाया। चार्ट पर बने चित्र पर उंगली रखते और बच्चों से उनके बारे में पूछा। इधर बच्चे भी गृहमंत्री के सवालों का जवाब देते रहे।
गृहमंत्री ने स्कूल के बच्चों अंग्रेजी में भी जानवरों के नाम बताए। थोड़ी देर की बातचीत में बच्चे भी गृहमंत्री अमित शाह के साथ घुलमिल गए। उन्होंने भी जमकर बातें की। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह वहां से हेलीकॉप्टर से फिर रवाना हो गए।
2 दिवसीय बस्तर दौरे पर थे शाह
अमित शाह 2 दिवसीय बस्तर दौरे पर थे। वे शुक्रवार की शाम जगदलपुर एअरपोर्ट पहुंचे थे। फिर यहां से फोर्स के हेलीकॉप्टर से वे करनपुर में स्थित कोबरा बटालियन के कैंप पहुंचे थे। उन्होंने यहां रात गुजारी थी। जिसके बाद शनिवार की सुबह करीब 8 बजे इसी कैंप में आयोजित CRPF के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी शिरकत की। गृहमंत्री अमित शाह ने डॉग शो, जवानों के स्टंट, महिला कमांडोज का शक्ति प्रदर्शन देखा जिसके बाद वे हेलीकाप्टर से ही सुकमा गए।
बिहार और झारखंड हुए वामपंथी उग्रवाद मुक्त
अमित शाह ने कहा, बिहार और झारखंड के बूढा पहाड़, चक्रबंधा और पारसनाथ को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कर उसे मुख्य धारा से जोड़ा जा चुका है। इन सभी क्षेत्रों में विकास की सभी योजनाओं को जमीन पर उतारा जा रहा है। इसका श्रेय CRPF और राज्य की पुलिस को जाता है। देश की शांति और सुरक्षा का मजबूत आधार CRPF बन गया है, जोकि देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसलिए बस्तर में हम स्थापना दिवस समारोह मना रहे हैं।
नक्सल घटनाओं में आई कमी
आंतरिक सुरक्षा में CRPF जवानों की अहम भूमिका है। अमित शाह ने कहा, जम्मू-कश्मीर से लेकर सुदूर के जनजातीय इलाकों तक शांति एवं विकास के कार्यों को स्थापित करने में CRPF के जवानों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। 2010 की तुलना में देश में वामपंथी उग्रवाद हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की गिरावट हुई है। इसी का नतीजा है कि, होने वाली मौतों में 78 फीसदी की कमी आई है।