सदन में गूंजा चिटफंड कंपनियों में फंसे पैसे का मुद्दा, जमीन के बंदरबांट के आरोप पर बिफरे कांग्रेस विधायक, कही भाजपा नेताओं के चिटफंड कंपनियों के कार्यक्रम में शामिल होने की बात…
रायपुर। विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायकों ने चिटफंड कंपनियों में फंसे पैसे का मुद्दा उठाया. चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई और राशि रिफंड पर भाजपा ने स्थगन दिया. आसंदी के स्थगन अग्राह्य करने के बाद भी भाजपा चर्चा की मांग पर अड़े रहे. हंगामे और शोरगुल के बीच आसंदी ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
इसके पहले विधायक शिवरतन शर्मा ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि 32 करोड़ ही वापस हुए, लेकिन सरकार कार्रवाई के नाम पर बंदरबांट कर रही है. हजार करोड़ की राशि फंसी है. शून्यकाल में मंत्रियों के टोका-टोकी करने पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई. मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि प्रश्न सरकार से है तो जवाब सरकार देगी. गलत बोलेंगे तो हस्तक्षेप करना होगा.
विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि शून्यकाल में कांग्रेस के सदस्य बोलेंगे हम नहीं बोलेंगे. आसंदी ने व्यवस्था देते हुए कहा कि सभी सहयोग करें. जिन सदस्य का नाम हो केवल वे बोले. विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि जितनी कार्रवाई होनी थी, वह नहीं हो रही. विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार में चिटफंड कंपनियों की शुरुआत हुई. आज निवेशक सरकार की ओर आंख फाड़ के देख रहे हैं.
विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि दोषी कौन है, यह सरकार को तय करना है. जांच करे. चिटफंड कंपनियों के प्रभावितों को राशि लौटाए. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि एक कंपनी का 3 हजार करोड़ फंसा हुआ है, सरकार जांच नहीं करा रही. आसंदी ने भाजपा का स्थगन अग्राह्य किया. भाजपा विधायकों ने स्थगन पर चर्चा कराने की मांग रखी.
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने 200 करोड़ के जमीन के बंदरबांट का आरोप लगाया. आरोप पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई. सदन में दोनों पक्षों के मध्य शोरगुल के बीच कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने चिटफंड कंपनियों का उद्घाटन किया था.