ईडी की टीम ने बुधवार को दोपहर नवा रायपुर में इंद्रावती भवन स्थित श्रम, खनिज संचालनालय के अलावा जीएसटी भवन और पर्यावास भवन में दबिश दी थी. इसके बाद एक ट्रक में दस्तावेज ले जाने की खबर आई थी. हालांकि ईडी की टीमें हटी नहीं, बल्कि पूरी रात जमी रही. दूसरे दिन भी ईडी की जांच जारी है. जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक ईडी ने पर्यावरण संरक्षण मंडल के सभी रीजनल अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया है. दस्तावेजों के आधार पर वे पूछताछ कर सकते हैं.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन में कथित लेवी के आरोपों पर ईडी ने जांच शुरू की. ईडी ने आईएएस समीर बिश्नोई, राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, सूर्यकांत के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल आदि को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ चालान पेश किया है. अब तक दो चालान पेश किए गए हैं, उसमें जो नाम सामने आए थे, उसके आधार पर ईडी ने सोमवार को तड़के कांग्रेस के कोषाध्यक्ष व नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, खनिज निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, भवन एवं अन्य सन्निर्माण मंडल के अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल, संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, विधायक देवेंद्र यादव, पीसीसी प्रवक्ता आरपी सिंह और विनोद तिवारी के साथ-साथ कई अन्य के रायपुर, भिलाई, खरोरा, बिलाईगढ़ आदि ठिकानों पर छापे मारे थे.
जब-जब बड़ा कदम, तब-तब छापे
कांग्रेस नेताओं पर ईडी के छापों के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि पार्टी छापों से डरने वाली नहीं है. उन्होंने कहा था कि जब-जब कांग्रेस पार्टी कोई बड़ा कदम उठाती है, तब-तब छापे पड़ते हैं. जब छत्तीसगढ़ कांग्रेस को झारखंड चुनाव की जिम्मेदारी मिली थी, तब आयकर का छापा पड़ा था. असम चुनाव के दौरान दूसरा छापा पड़ा. इसके बाद उत्तरप्रदेश चुनाव के दौरान छापा पड़ा. चौथा छापा हिमाचल प्रदेश चुनाव के बाद और अब कांग्रेस महाधिवेशन को डिस्टर्ब करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं.